किंग पावर ने झटकों के बाद ड्यूटी-फ्री कॉन्ट्रैक्ट के पुन: समझौते की मांग की।

थाईलैंड की मशहूर एयरपोर्ट रिटेल कंपनी, किंग पावर, इस वक्त मुश्किल में है। भारी घाटे और करोड़ों की बकाया गारंटी के चलते, कंपनी “एयरपोर्ट्स ऑफ थाईलैंड” (AOT) से अपने ड्यूटी-फ्री कॉन्ट्रैक्ट को दोबारा खोलने की मांग कर रही है। वजह? कोविड के बाद ट्रैवल वैसा लौटा नहीं, जैसा कॉन्ट्रैक्ट में तय किया गया था। अब किंग पावर चाहता है कि भुगतान की शर्तें, ब्याज दरें और किराए की जगहें फिर से तय की जाएं।

असली मुसीबत क्या है? कोविड का असर + फिक्स मिनिमम भुगतान = तगड़ा घाटा

मामला कुछ यूं है:

  • मिनिमम एनुअल गारंटी (MAGs): किंग पावर ने तय किया था कि वह सुभर्णभूमि और फुकेट जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर हर साल तयशुदा रकम देगा—चाहे जितनी भी बिक्री हो।

  • कोविड का झटका: 2020 से यात्रियों की संख्या गिर गई, और कमाई भी। 2023 में ही किंग पावर को करीब 650 मिलियन बाथ का घाटा हुआ।

  • कर्ज़ का बोझ: 2025 की शुरुआत तक कंपनी पर 4 बिलियन बाथ से ज्यादा का बकाया था, और हर महीने 1.5% (सालाना 18%) की पेनल्टी लग रही है।

यानी जैसे किसी ट्रेडमिल पर दौड़ रहे हों, जो अचानक स्पीड बढ़ा दे—और आप गिरने से बचने के लिए लगातार दौड़ते रहें। यही हाल किंग पावर का है। अब वो AOT से कह रहे हैं: “कुछ राहत मिल सकती है क्या?”

AOT की प्रतिक्रिया: मदद मिलेगी, लेकिन शर्तों के साथ

AOT ने साफ मना नहीं किया, लेकिन उन्हें पूरा कॉन्ट्रैक्ट बदलने का भी मन नहीं है।

  • कॉन्ट्रैक्ट बदला नहीं जाएगा—अभी नहीं: AOT ने कहा है कि वे समझौते की मूल शर्तों में बदलाव नहीं करेंगे, लेकिन भुगतान की तारीखें और ब्याज की दरें लचीली की जा सकती हैं।

  • सभी वेंडर्स को राहत: जनवरी 2025 से AOT ने सभी एयरपोर्ट विक्रेताओं को राहत दी है, जिससे भुगतान 2027 तक टाला जा सकता है।

  • ब्याज और गारंटी अब भी लागू: AOT ने साफ किया कि उन्हें या तो 18% की पेनल्टी मिलेगी या MLR+2% ब्याज (लगभग 9%), और इसके लिए उन्हें गारंटी या गिरवी चाहिए।

  • सिक्योरिटी है जरूरी: बैंकों की गारंटी के ज़रिए AOT सुनिश्चित कर रहा है कि अगर किंग पावर चूकता भी है, तो उन्हें पैसा मिलेगा ही मिलेगा।

यानि जैसे किसी दोस्त को उधार देना, लेकिन उसकी बाइक अपने पास गिरवी रख लेना।

असली कारण: यह झगड़ा होना तय था

ये मुद्दा इतना बड़ा क्यों बन गया?

  1. फिक्स भुगतान + घटती ट्रैफिक = नुकसान तय

    • MAGs उस समय तय किए गए थे जब ट्रैवल पीक पर था। अब जब ट्रैफिक कम है, तो ये भुगतान बोझ बन गए हैं।

  2. AOT की आमदनी को खतरा

    • अकेले किंग पावर से AOT को 2025 में 33% आमदनी की उम्मीद थी।

    • जब यह मामला सामने आया, तो AOT के शेयर 21% तक गिर गए

  3. बाज़ार में असर

    • बाकी वेंडर्स भी भुगतान में पीछे हैं और राहत मांग रहे हैं।

    • अगर राहत नहीं दी गई, तो सब डिफॉल्ट कर सकते हैं, जिससे नए टेंडर और कम आमदनी का खतरा बढ़ जाएगा।

क्या बदल सकता है? शर्तें, जगह और रणनीति

अब आगे क्या संभावनाएं हैं?

  • भुगतान की डेडलाइन बढ़ेगी: किंग पावर को पहले ही अगस्त 2024 से अप्रैल/जुलाई 2025 तक का वक्त मिल चुका है।

  • ब्याज में राहत: 18% पेनल्टी की जगह वे MLR+2% (करीब 9%) की मांग कर रहे हैं।

  • जगह में बदलाव: AOT ने 2024 में 1,400 वर्ग मीटर की जगह किंग पावर से वापस ली थी। ऐसा दोबारा भी हो सकता है।

  • भविष्य में प्रतिस्पर्धा: जैसे ही नया टेंडर निकलेगा, Central Group, DFS और Shilla जैसे ब्रांड्स मैदान में उतर सकते हैं।

किंग पावर, AOT और बाकी विक्रेताओं की स्थिति की तुलना
पक्ष दिक्कतें वे क्या चाहते हैं उन्हें क्या मिल रहा है (संभावित)
किंग पावर MAG का बोझ, 4 बिलियन बकाया, ब्याज भारी डेडलाइन बढ़े, ब्याज घटे, जगह में राहत 2027 तक भुगतान की छूट, 9% ब्याज, नई बातचीत
AOT (एयरपोर्ट्स ऑफ थाईलैंड) आमदनी में गिरावट, शेयर बाजार में गिरावट पैसे की सुरक्षा, कॉन्ट्रैक्ट न बदले ब्याज बना रहेगा, गारंटी मिलेगी
अन्य विक्रेता ट्रैफिक कम, बिक्री कमजोर भुगतान की राहत सभी को राहत जनवरी 2027 तक
यात्रियों और थाई एयरपोर्ट्स के लिए क्या दांव पर लगा है?
  • स्मूद ट्रांज़िशन: अगर किंग पावर चलता रहा, तो दुकानों की कमी या टेंडर की भागदौड़ नहीं होगी।

  • बेहतर अनुभव: AOT कुछ जगहें खाली कर नई दुकानों या आरामगाहों में तब्दील कर सकता है।

  • निवेशकों का भरोसा: यह पूरा मामला AOT की साख का इम्तिहान है। गलती हुई तो निवेशक दूर हो सकते हैं।

  • भविष्य की प्रतिस्पर्धा: अगर किंग पावर कमजोर हुआ, तो अगले राउंड में दूसरी कंपनियों को मौका मिल सकता है।

आगे क्या होगा: 2025 में देखने लायक 5 चीजें
  1. भुगतान डेडलाइन: अप्रैल–जुलाई 2025 तक की छूट दी गई है। फिर क्या होगा?

  2. ब्याज दर में बदलाव: अगर MLR + 2% मंजूर हुआ, तो किंग पावर को करोड़ों की राहत मिलेगी।

  3. जगह का मामला: क्या AOT और जगहें लेगा? क्या नया टेंडर निकलेगा?

  4. पर्यटन का ट्रेंड: अगर भारत और चीन से ट्रैवल बढ़ा, तो बिक्री भी लौटेगी।

  5. AOT की कमाई और शेयर: क्या निवेशक फिर से भरोसा जताएंगे?

निष्कर्ष

थाईलैंड का ड्यूटी-फ्री विवाद सिर्फ बिज़नेस की जंग नहीं—यह एक परीक्षा है: रणनीति की, समझदारी की और भरोसे की। किंग पावर को राहत चाहिए ताकि वह बच सके, AOT को संतुलन चाहिए ताकि आमदनी गिरे नहीं, और यात्रियों को उम्मीद है कि सेवाएं चलती रहेंगी। अब देखना ये है—क्या बीच का रास्ता निकलेगा या यह झटका थाई रिटेल की तस्वीर ही बदल देगा?

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