कुत्ते का शव मिलने के बाद बैंकॉक का जिला रेबीज़ ज़ोन घोषित।

रेबीज़ ऐसी बीमारी है जिसके बारे में हम रोज़ नहीं सोचते, लेकिन अब बैंकॉक का एक जिला अलर्ट पर है। एक कुत्ते में यह घातक वायरस मिलने के बाद अधिकारियों ने नोंग चोक इलाके को रेबीज़-संक्रमित क्षेत्र घोषित कर दिया है।

नोंग चोक में क्या हुआ?

अधिकारियों को बन कोक फैड क्षेत्र में एक संक्रमित कुत्ते का शव मिला। इसके बाद पशु विकास विभाग (DLD) ने तुरंत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए। यह आदेश 16 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।

इस दौरान बिना पशु-चिकित्सक की लिखित अनुमति के कोई भी जीवित या मृत जानवर इस इलाके में न तो लाया जा सकता है और न बाहर ले जाया जा सकता है। इसके अलावा, पालतू जानवरों के बीमार या मृत होने पर मालिकों को 12 घंटे के भीतर सूचना देनी होगी, वरना जुर्माना हो सकता है।

कौन-कौन से इलाके प्रभावित हैं?

रेबीज़ नियंत्रण ज़ोन काफी बड़े क्षेत्र को कवर करता है। देखें किन इलाकों को शामिल किया गया है:

दिशा कवर किए गए इलाके
उत्तर खू (नोंग चोक)
दक्षिण लाम प्ला थेउ, लाम फक ची, टैप याओ (लाट क्राबांग)
पूर्व क्राथुम राय
पश्चिम सेन साएब (मिन बुरी)

बन कोक फैड से 5 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को आवारा जानवरों से दूर रहने और पालतू पशुओं के व्यवहार पर नज़र रखने की सलाह दी गई है।

रेबीज़ इतना खतरनाक क्यों है?

रेबीज़ के लक्षण एक बार दिखाई देने पर इसका इलाज संभव नहीं है यह लगभग हमेशा जानलेवा साबित होता है। बचाव का एकमात्र तरीका है टीकाकरण।

थाईलैंड ने पिछले कुछ सालों में मामलों को कम किया है, लेकिन जब भी संक्रमित आवारा कुत्ते बिना टीकाकरण वाले पालतू जानवरों के संपर्क में आते हैं, तो स्थिति बिगड़ जाती है।

रेबीज़ को आग की तरह समझिए: एक चिंगारी (संक्रमित काटना) तुरंत फैल सकती है अगर उसे रोका न जाए। टीकाकरण अग्निशामक है और सतर्कता धुएँ का अलार्म।

अधिकारियों की मौजूदा कार्रवाई

स्थानीय पशु-चिकित्सक और अधिकारी ज़ोर-शोर से काम कर रहे हैं। कुत्तों और बिल्लियों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान चल रहे हैं। इसके साथ ही, जागरूकता अभियान भी तेज़ किए जा रहे हैं ताकि लोग समझें कि रेबीज़ को रोकना सामूहिक जिम्मेदारी है।

DLD ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिबंध अस्थायी हैं लेकिन बेहद ज़रूरी हैं। अगर नए मामले सामने नहीं आते, तो आदेश 16 अक्टूबर तक ही रहेगा, वरना इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

रेबीज़ रोज़ की खबर नहीं बनता, लेकिन यह एक खामोश खतरा है जो तुरंत कार्रवाई मांगता है। नोंग चोक का लॉकडाउन हमें याद दिलाता है: पालतू जानवरों का टीकाकरण और सतर्कता ही समुदाय को सुरक्षित रख सकती है। रेबीज़ इंतज़ार नहीं करता तो हमें भी नहीं करना चाहिए।

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