छुट्टी या पहेली? जैकब जेन्सन का रहस्यमय गायब होना
सोचिए आप मानसिक सुकून पाने के लिए एक यात्रा पर जाएं और फिर बिना किसी सुराग के गायब हो जाएं।
यह कहानी है 41 वर्षीय डेनमार्क के नागरिक जैकब जेन्सन की, जो मार्च 2025 में थाईलैंड में लापता हो गए।
जैकब 2 फरवरी को थाईलैंड पहुंचे थे और उन्होंने रणोंग प्रांत में एक दोस्त के साथ रहने की योजना बनाई थी।
हालांकि, उनके मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए उनके दोस्त ने 1 मार्च को उन्हें सुवर्णभूमि इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बैंकॉक छोड़ा ताकि वह सुरक्षित रूप से डेनमार्क लौट सकें।
लेकिन जैकब ने फ्लाइट नहीं ली और उसके बाद से वह लापता हैं।
अंतिम संपर्क कब हुआ?
फ्लाइट मिस करने के एक दिन बाद, 2 मार्च को जैकब ने अपनी मां को एक ईमेल भेजा था।
उसके बाद से न तो उनके मोबाइल का कोई पता चला है, न ही बैंक अकाउंट्स या सोशल मीडिया पर कोई एक्टिविटी देखी गई है।
परिवार की बेचैनी और तलाश
जैकब के परिवार को उनकी अचानक हुई गुमशुदगी से भारी सदमा पहुंचा है।
उन्होंने डेनमार्क और थाईलैंड दोनों की पुलिस और अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है।
परिवार लगातार किसी भी सुराग के इंतजार में है।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता
जैकब के दोस्त ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की थी।
यह आशंका जताई जा रही है कि वह किसी मानसिक संकट में हो सकते हैं और शायद खुद मदद मांगने की स्थिति में भी न हों।
घटनाओं का टाइमलाइन
तारीख | घटना |
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2 फरवरी | जैकब थाईलैंड पहुंचे। |
1 मार्च | दोस्त के साथ एयरपोर्ट पहुंचे लेकिन फ्लाइट नहीं ली। |
2 मार्च | मां को ईमेल भेजा — यह अंतिम संपर्क था। |
उसके बाद | कोई कॉल, ट्रांजैक्शन या ऑनलाइन एक्टिविटी नहीं हुई। |
निष्कर्ष
जैकब जेन्सन की गुमशुदगी यह याद दिलाती है कि जब कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में हो, तो यात्रा कितना असुरक्षित हो सकता है।
उनके परिवार को किसी भी खबर का इंतजार है — अच्छी या बुरी।
इस वक्त सबसे जरूरी है जागरूकता और सहयोग, ताकि जैकब को ढूंढा जा सके और सुरक्षित घर लौटाया जा सके।