थाईलैंड और मालदीव ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता मालदीव में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और नियामक क्षमताओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
यह MOU 21 मई 2025 को विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान जिनेवा में थाईलैंड के लोक स्वास्थ्य उप मंत्री डेच-इस खाओथोंग और मालदीव के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल्ला नाज़िम इब्राहिम द्वारा साइन किया गया।
MoU के मुख्य उद्देश्य
इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सहयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:
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प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करना: मालदीव में बेहतर, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना।
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नियामक संस्थाओं की क्षमता को बढ़ाना: मालदीव फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की निगरानी और नियंत्रण क्षमता में सुधार करना।
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तकनीकी सहयोग और मानव संसाधन विकास: स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
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स्वास्थ्य नीति और अनुसंधान को बढ़ावा देना: संयुक्त शोध परियोजनाओं और प्रभावी स्वास्थ्य नीतियों का विकास।
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डेटा शेयरिंग और सूचना प्रौद्योगिकी: स्वास्थ्य संबंधी डेटा और तकनीक के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
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स्थायी फंडिंग व्यवस्था: स्वास्थ्य संवर्धन कार्यक्रमों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय समाधान सुनिश्चित करना।
कार्यान्वयन और भविष्य की साझेदारियाँ
इस MOU को लागू करने के लिए एक विशेष कार्य समिति का गठन किया जाएगा जो सहयोग की गतिविधियों की निगरानी करेगी और दोनों पक्षों के बीच संवाद बनाए रखेगी।
प्रारंभिक सहयोग अवधि तीन वर्षों के लिए तय की गई है, जिसे हर तीन साल बाद स्वतः नवीनीकृत किया जाएगा, जब तक कि कोई पक्ष तीन महीने पहले इसकी समाप्ति की सूचना न दे।
अन्य अंतरराष्ट्रीय बैठकें और चर्चाएँ
MoU पर हस्ताक्षर के अलावा, थाईलैंड के उप मंत्री डेच-इस ने एक मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लिया जिसका विषय था:
“स्वास्थ्य नीति में सामाजिक भागीदारी की ओर प्रगति: क्या यह खतरे में है?”
इस चर्चा में स्वास्थ्य निर्णयों में जनता की भागीदारी के महत्व पर ज़ोर दिया गया।
उन्होंने WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाज़ेद से भी मुलाकात की और थाई-म्यांमार सीमा पर बीमारियों की निगरानी, गैर-संचारी रोगों की रोकथाम, और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सहयोग पर चर्चा की।
साथ ही, भारत सरकार की स्वास्थ्य सचिव पुन्या सलीला श्रीवास्तव के साथ पारंपरिक चिकित्सा, वैकल्पिक चिकित्सा और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज जैसे मुद्दों पर थाईलैंड-भारत स्वास्थ्य सहयोग पर भी बातचीत हुई।
निष्कर्ष
थाईलैंड और मालदीव के बीच हुआ यह स्वास्थ्य समझौता वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है।
यह साझेदारी न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं और नियामक सुधारों को मजबूती देगी, बल्कि मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य नीति निर्माण में भी नई ऊर्जा भरेगी।
कार्य समिति का गठन और सतत संवाद की प्रतिबद्धता यह दर्शाता है कि दोनों देश इस मिशन को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं।