थाईलैंड ने हाल ही में अपने ऐतिहासिक स्थलों और राष्ट्रीय संग्रहालयों में विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क को अपडेट किया है। यह फैसला 25 जुलाई 2023 को कैबिनेट द्वारा मंज़ूर किया गया, जिसका उद्देश्य इन सांस्कृतिक धरोहरों के रखरखाव और संरक्षण के लिए अधिक फंड इकट्ठा करना है। खास बात यह है कि थाई नागरिकों के लिए शुल्क पहले जैसा ही रखा गया है ताकि देशवासियों को अपने इतिहास से जोड़ने का अवसर मिले।
नए शुल्क का पूरा विवरण
यह नया शुल्क देश भर के 72 पंजीकृत प्राचीन स्मारकों और राष्ट्रीय संग्रहालयों पर लागू होगा। आइए इसे करीब से समझें:
ऐतिहासिक पार्क
-
थाई नागरिकों के लिए: 20 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 120–200 बात प्रति व्यक्ति (पहले 100 बात)
पुरातात्विक स्थल या अन्य ऐतिहासिक स्थान
-
थाई नागरिकों के लिए: 10–20 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 80–120 बात प्रति व्यक्ति (पहले 50–100 बात)
राष्ट्रीय संग्रहालय
-
छोटे संग्रहालय:
-
थाई नागरिकों के लिए: 10 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 80 बात प्रति व्यक्ति (पहले 50 बात)
-
-
मध्यम संग्रहालय:
-
थाई नागरिकों के लिए: 10–20 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 120 बात प्रति व्यक्ति (पहले 50–100 बात)
-
-
बड़े संग्रहालय:
-
थाई नागरिकों के लिए: 20–30 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 200 बात प्रति व्यक्ति (पहले 100–150 बात)
-
-
लोकप्रिय संग्रहालय (जैसे कि नेशनल म्यूज़ियम बैंकॉक, नेशनल गैलरी ऑफ थाईलैंड):
-
थाई नागरिकों के लिए: 30 बात प्रति व्यक्ति
-
विदेशी पर्यटकों के लिए: 240 बात प्रति व्यक्ति (पहले 200 बात)
-
शुल्क बढ़ाने का मकसद क्या है?
इस कदम का मुख्य उद्देश्य थाईलैंड की सांस्कृतिक विरासत की मरम्मत और संरक्षण के लिए अधिक संसाधन जुटाना है। अतिरिक्त आय “आर्कियोलॉजिकल फंड” में जाएगी, जो इन स्थलों के संरक्षण को फाइनेंस करती है। वहीं थाई नागरिकों के लिए शुल्क न बढ़ाकर सरकार ने घरेलू लोगों को सांस्कृतिक शिक्षा और जागरूकता के लिए प्रेरित करने की कोशिश की है।
पर्यटकों और पर्यटन उद्योग पर प्रभाव
शुल्क बढ़ने से कुछ विदेशी पर्यटकों का बजट ज़रूर प्रभावित हो सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानकों की तुलना में यह अब भी किफायती है। उदाहरण के तौर पर, एक ऐतिहासिक पार्क की यात्रा अब अधिकतम 200 बात (लगभग $5.50 USD) में पूरी हो सकती है। टूर ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंसियों को अपने पैकेज में कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं, लेकिन बेहतर रखरखाव और समृद्ध अनुभव इन स्थलों की लोकप्रियता को और बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
थाईलैंड ने जो नया शुल्क ढांचा लागू किया है, वह इस बात का संकेत है कि देश अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने को लेकर गंभीर है। इन स्थलों के संरक्षण और बहाली में लगने वाली लागत को कवर करने के लिए अतिरिक्त फंड का उपयोग किया जाएगा। थाई नागरिकों के लिए दरें जस की तस रखी गई हैं ताकि वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने इतिहास से जुड़ सकें।