जब थाईलैंड ने विदेशी पर्यटकों से 300 बाट की एंट्री फीस वसूलने की योजना बनाई, तो प्रतिक्रिया तेज़ थी और आलोचनात्मक भी। लेकिन उतनी ही तेजी से, सरकार ने उस पर रोक लगा दी। आइए जानें पूरा मामला।
300‑बाट फीस थी क्या?
पर्यटन और खेल मंत्री सुरवोंग थिएनथोंग ने यह प्रस्ताव पेश किया था कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से एयरपोर्ट पर लैंडिंग टैक्स के रूप में 300 बाट (लगभग ₹700) लिया जाएगा। इसका उद्देश्य था पर्यटन ढांचे को मज़बूत करना, पर्यावरणीय योजनाओं को फंड देना और अधिक भीड़भाड़ वाले पर्यटन स्थलों को संतुलित करना।
सुनने में समझदारी लगती है, है ना? लेकिन अच्छा इरादा भी कभी-कभी समय के साथ मेल नहीं खाता।
अचानक फैसला पलट क्यों गया?
असल में, थाईलैंड में पर्यटन अभी पूरी तरह से नहीं लौटा है। महामारी के बाद आने वाले पर्यटकों की संख्या अब भी कम है, और आर्थिक दबाव भी है। सरकार को लगा कि भले ही टैक्स मामूली हो, लेकिन यह टूरिस्ट्स को हतोत्साहित कर सकता है। इसलिए अब इस फीस को 2026 के मध्य तक टाल दिया गया है।
फायदे और नुकसान – एक नज़र में
फीस के फायदे | नुकसान और जोखिम |
---|---|
सड़क, पार्क और सफाई के लिए फंड मिलेगा | बजट टूरिस्ट्स को यह महंगा लग सकता है |
अधिक भीड़ पर नियंत्रण और पर्यावरण सुरक्षा | पर्यटन की रिकवरी और धीमी हो सकती है |
स्थायी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा | बाहर से देखने पर ये “छोटा टैक्स” खराब असर डाल सकता है |
आपकी थाईलैंड ट्रिप पर इसका क्या असर पड़ेगा?
सीधा जवाब आपको अभी कोई 300‑बाट फीस नहीं देनी पड़ेगी। तो जब भी आप थाईलैंड जाएं, एयरपोर्ट पर कोई चौंकाने वाला चार्ज नहीं लगेगा।
पर एक सवाल रह जाता है: जब टूरिज्म वापस पूरी रफ्तार पकड़ेगा, तो क्या ये फीस फिर से आएगी? अगर हां, तो क्या इससे फिर से विरोध खड़ा होगा?
थोड़ा डेटा देखें
थाईलैंड ने 2025 तक 3 ट्रिलियन बाट टूरिज्म रेवेन्यू और 3.8 करोड़ टूरिस्ट्स का लक्ष्य रखा है। फीस को टालना इसी दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
एक आम बहस भी चल रही है क्या 300‑बाट (करीब $8-10) जैसी छोटी फीस वाकई टूरिस्ट्स को रोक सकती है? कुछ लोग कहते हैं कोई असर नहीं पड़ेगा, पर कुछ का कहना है कि इससे अनुभव खराब हो सकता है।
Conclusion
थाईलैंड ने 300‑बाट की एंट्री फीस पर फिलहाल ब्रेक लगाया है ताकि टूरिज्म को दोबारा रफ्तार मिल सके। अभी के लिए पर्यटकों को राहत है, लेकिन ये फैसला स्थायी नहीं है। जब संख्या बढ़ेगी, तो ये टैक्स फिर से ज़ोर पकड़ सकता है।