थाईलैंड में कम्बोडियाई पर्यटकों की संख्या में 48% की गिरावट: सीमा चौकियों की बंदी बनी बड़ी वजह।

थाईलैंड का पर्यटन इंजन इन दिनों लड़खड़ा गया है। जून 2025 की शुरुआत में, थाईलैंड आने वाले कम्बोडियाई पर्यटकों की संख्या में लगभग 48% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट अचानक नहीं आई—सीधा असर है सीमा पर प्रमुख चेकपॉइंट्स को बंद किए जाने का। लेकिन असली वजह क्या है? चलिए, इसे विस्तार से समझते हैं।

कम्बोडियाई पर्यटकों की संख्या में गिरावट क्यों आई?

मई 2025 के आखिरी हफ्ते में, थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच सीमा विवाद ने एक नया मोड़ लिया। 28 मई को प्रीह विहीर (Preah Vihear) क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई, जिसमें एक कम्बोडियाई सैनिक की मौत हो गई। इसके बाद, थाईलैंड ने कई ज़रूरी भूमि सीमा चौकियों को बंद कर दिया, जिनमें ट्राट, चंथाबुरी और सा काओ जैसे महत्वपूर्ण बॉर्डर पॉइंट शामिल हैं।

सीमा चेकपॉइंट केवल बॉर्डर नहीं होते—ये आर्थिक और सांस्कृतिक आवाजाही की नब्ज़ होते हैं। इन्हें बंद करना मतलब हरकत को ठप करना।

आंकड़ों की ज़ुबानी

नीचे देखिए कि इस गिरावट ने क्या रूप लिया:

पैमाना पहले (बंदी से पहले) बाद में परिवर्तन
कम्बोडियाई पर्यटक (वार्षिक तुलना) 100% (मानक) –48% –48% गिरावट
अरन्यप्रथेत चेकपॉइंट पर व्यापार US$3.39 बिलियन/वर्ष गंभीर गिरावट 60% व्यापार प्रभावित
कुल सीमा व्यापार (5 चेकपॉइंट्स) US$5.3 बिलियन/वर्ष धीमा या रुका मिड–टर्म असर संभव

केवल एक चेकपॉइंट—अरन्यप्रथेत—बंद होने से 63% भूमि व्यापार प्रभावित होता है। बाकी प्रमुख चेकपॉइंट्स के बंद होने से लगभग 90% व्यापार रुक जाता है

पर्यटक बनाम व्यापार पर असर
🎒 पर्यटन

थाईलैंड आने वाले कम्बोडियाई पर्यटकों की संख्या में लगभग आधी गिरावट आ चुकी है। खासकर उन बॉर्डर इलाकों में जो वीकेंड विज़िट्स पर निर्भर थे, वहां भारी असर पड़ा है।

🚛 व्यापार

मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि सामग्री जैसी वस्तुएं फंसी हुई हैं। थाईलैंड से होने वाला अरबों बहत का एक्सपोर्ट ठप हो गया है।

आखिर अभी क्यों? क्या हुआ?

प्रीह विहीर क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है, लेकिन 2025 की शुरुआत में हालात और बिगड़े। 13 फरवरी को कम्बोडियाई पर्यटकों ने विवादित मंदिर में अपना राष्ट्रगान गाया, जिससे थाई अधिकारियों की भौंहें तन गईं। मई के आखिरी हफ्ते में गोलीबारी हो गई—यानी तनाव अब ज़मीन पर भी दिखने लगा।

थाईलैंड ने एहतियात के तौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना बढ़ाई और चेकपॉइंट्स बंद कर दिए।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

थाईलैंड ट्रैवल एजेंसी एसोसिएशन (ATTA) के प्रमुख आदिथ चेयरत्तानानन ने चेतावनी दी है कि यह “नई सीमा संकट” पर्यटन और आर्थिक रिकवरी को बुरी तरह से रोक सकता है।

वाणिज्य मंत्रालय अब व्यापार संगठनों से बातचीत कर रहा है ताकि व्यापार के वैकल्पिक रास्ते निकाले जा सकें।

असर की लहरें—कौन-कौन प्रभावित हुआ?
  1. स्थानीय व्यापारी और होटल व्यवसायी
    सीमा से सटे इलाके जहां रोज़ाना पर्यटक आते थे, वहां व्यवसाय ठप हैं।

  2. छोटे व्यापारी और क्रॉस-बॉर्डर दुकानदार
    जिनकी आजीविका बॉर्डर ट्रांजैक्शन पर थी, अब उन्हें पेमेंट में देरी हो रही है।

  3. खरीददार और ग्राहक
    इलेक्ट्रॉनिक सामान और आयातित कृषि उत्पादों की कमी से कीमतें बढ़ सकती हैं।

यानी जैसे कोई नदी पर बांध लगा दिया जाए—तो पानी न ऊपर जा पाता है, न नीचे। बॉर्डर चेकपॉइंट्स का बंद होना यही असर करता है।

आगे क्या होगा? संभावनाएं

✔️ शॉर्ट टर्म (जून): सरकारें चेकपॉइंट खोलने पर विचार कर सकती हैं। व्यापार धीरे-धीरे वापसी की कोशिश करेगा।

⚠️ मिड टर्म (3–12 महीने): व्यापारी वैकल्पिक रूट जैसे वियतनाम या लाओस की ओर झुक सकते हैं। पर्यटक स्थानीय घूमने निकल सकते हैं।

❗️ लॉन्ग टर्म (12+ महीने): यदि विवाद बना रहा, तो व्यापार की दिशा स्थायी रूप से बदल सकती है। भरोसा टूटने पर पर्यटक भी दूसरी जगहों की ओर देखेंगे।

क्या पर्यटन और व्यापार फिर से पटरी पर आएंगे?

कम्बोडिया इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) की मदद लेने की सोच रहा है, जबकि थाईलैंड बातचीत से मसला सुलझाना चाहता है। आने वाले कुछ महीने बहुत अहम हैं:

  • अगर चेकपॉइंट्स दोबारा खुलते हैं, तो पर्यटक और व्यापारी वापस लौट सकते हैं।

  • व्यवसाय वैकल्पिक रास्ते अपना सकते हैं, जैसे समुद्री मार्ग या अन्य चेकपॉइंट्स।

  • सरकारों के बीच बेहतर संवाद, दोनों ओर से भरोसे की बहाली कर सकता है।

असर का सारांश – एक नज़र में टेबल
क्षेत्र तात्कालिक प्रभाव संभावित सुधार
पर्यटन –48% गिरावट बॉर्डर खुलते ही तेज़ वापसी संभव
व्यापार अरबों का नुकसान अन्य मार्गों से राहत संभव
व्यवसाय होटल और बाज़ार सूने विविधता और नवाचार से सुधार
राजनीति तनाव, राष्ट्रवाद का उभार ICJ और वार्ता से समाधान
उपभोक्ता महंगाई, वस्तु की कमी समय के साथ संतुलन
निष्कर्ष

सीमा चेकपॉइंट्स का बंद होना सिर्फ नक्शे पर खिंची रेखा का असर नहीं है—यह सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक धमनियों को रोकने जैसा है। जब कम्बोडियाई पर्यटकों की संख्या 48% गिरती है और अरबों का व्यापार अटक जाता है, तो नुकसान केवल आंकड़ों का नहीं होता—वह रोज़मर्रा की ज़िंदगियों में झलकता है।

फिर भी, आशा है। 2024 में कम्बोडिया में 6.7 मिलियन पर्यटक आए, और थाईलैंड भी 2025 की शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। ये दिखाता है कि इस क्षेत्र में रिकवरी की ताकत है—बस ज़रूरत है सही निर्णयों की।

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