थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हाल ही में हुआ संघर्ष बेहद हिंसक हो गया है। इसमें अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है 15 थाईलैंड में (ज्यादातर आम नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं और एक सैनिक) और कंबोडिया में एक आम नागरिक की मौत हुई है। यह झड़प जुलाई 24–25 के आसपास शुरू हुई और एक दशक में सबसे घातक मानी जा रही है।
आखिर ये हिंसा भड़की क्यों?
संघर्ष की शुरुआत एक लैंडमाइन धमाके से हुई, जिसमें थाई सैनिक घायल हुए। इसके बाद कंबोडिया ने BM‑21 रॉकेट सिस्टम से थाई नागरिक इलाकों पर गोलाबारी शुरू कर दी। जवाब में थाईलैंड ने भारी तोपखाना चलाया और कम से कम छह F‑16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए।
मानवीय संकट: हजारों की जान जोखिम में
थाईलैंड के सीमा क्षेत्रों सुरिन, सिसाकेट, बुरीराम और उबोन रत्चथानी से 1.2 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है। वहीं, कंबोडिया के ओडार मींचे और प्रेह विहेयर क्षेत्रों से 1,500–5,000 लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
देश | मृत्यु संख्या | निकाले गए / विस्थापित |
---|---|---|
थाईलैंड | ~15 (ज्यादातर नागरिक + 1 सैनिक) | ~1,20,000 विभिन्न प्रांतों से |
कंबोडिया | ~1 नागरिक | ~1,500–5,000 सीमा क्षेत्रों से |
आरोप-प्रत्यारोप और अंतरराष्ट्रीय चिंता
दोनों देश एक-दूसरे को संघर्ष शुरू करने का दोष दे रहे हैं। कंबोडिया का आरोप है कि थाईलैंड ने क्लस्टर बम और हवाई हमलों में सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाया। वहीं थाईलैंड कहता है कि कंबोडिया ने आम आबादी वाले इलाकों पर हमला किया।
थाई कार्यवाहक प्रधानमंत्री फूमथाम वेचायचाई ने चेतावनी दी है कि अगर हमले बंद नहीं हुए, तो यह संघर्ष युद्ध में तब्दील हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आपात बैठक कर रही है, और अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूरोपीय संघ और आसियान ने तुरंत युद्धविराम और नागरिक सुरक्षा की मांग की है।
मामला क्यों गंभीर है?
यह सिर्फ सीमा पर झड़प नहीं है यह ऐतिहासिक विवाद, राष्ट्रीय स्वाभिमान, और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा मुद्दा है। प्रेह विहेयर मंदिर जैसे स्थल दशकों से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण रहे हैं।
निष्कर्ष
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दो दिन में भड़के इस संघर्ष में 16 लोगों की जान गई, हजारों लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए, और पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। अगर जल्द बातचीत और संयम नहीं हुआ, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।