प्रचुआप खीरी खान की एक थाई मसाज शॉप मालिक ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर बलात्कार और वसूली का आरोप लगाया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया है और पुलिस व्यवस्था में जवाबदेही की मांग को फिर से तेज कर दिया है। 40 वर्षीय महिला, जिन्हें आम के नाम से जाना जाता है, ने एक लोकप्रिय थाई टीवी कार्यक्रम पर खुलकर आरोप लगाए कि एक डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और उसके अधीनस्थों ने गंभीर कदाचार किया।
मसाज शॉप और छिपे हुए खतरे
आम पिछले दो साल से मसाज व्यवसाय चला रही थीं, जहां वह ग्राहकों को आराम और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती थीं। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ कर्मचारी विशेषकर लाओस से आई महिलाएँ गुप्त रूप से यौन सेवाएँ भी देती थीं। इन सेवाओं से कमाई कर्मचारियों के पास ही रहती थी, जबकि आम को केवल सामान्य मसाज शुल्क से आय होती थी।
उन्होंने यह भी माना कि कुछ स्टाफ के पास काम करने का परमिट नहीं था और वह गलतफहमी में थीं कि पासपोर्ट ही पर्याप्त दस्तावेज है। यही बात पुलिस के कथित शक्ति दुरुपयोग का आधार बनी।
पुलिस छापेमारी बनी वसूली का ज़रिया
आम के अनुसार, 2023 में पुलिस ने उनकी दुकान पर छापा मारा और उन्हें तथा उनके कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर 50,000 बाट की मांग की ताकि दुकान चालू रह सके। जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो अधिकारियों ने उनकी दुकान में कई बीयर की बोतलें पीं और भुगतान नहीं किया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक लाओस कर्मचारी ने बाद में आम को बताया कि डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने उसे धमकाकर यौन संबंध बनाने पर मजबूर किया, वरना उसे गिरफ्तार कर लिया जाता।
जन प्रतिक्रिया और जांच की मांग
इन आरोपों ने जनता के बीच पुलिस पर भरोसे को हिला दिया है। लोग स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। यह मामला भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और बिना अनुमति काम कर रहे प्रवासी श्रमिकों की असुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है।
यहाँ मुख्य बिंदुओं का सार देखें:
| मुख्य बिंदु | विवरण |
|---|---|
| स्थान | प्रचुआप खीरी खान, थाईलैंड |
| आरोपित | डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और पुलिस अधिकारी |
| पीड़िता | लाओस कर्मचारी |
| कथित अपराध | बलात्कार और वसूली |
| मांगी गई रिश्वत | 50,000 बाट |
| शॉप मालिक की उम्र | 40 वर्ष (आम) |
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है
यह मामला सिर्फ एक मसाज शॉप का नहीं है। यह थाईलैंड की न्याय व्यवस्था में गहरे बैठे मुद्दों को उजागर करता है। जब सत्ता में बैठे लोग कमजोर श्रमिकों का शोषण कर सकते हैं और रिश्वत मांग सकते हैं, तो इससे उन संस्थाओं पर भरोसा टूटता है जो नागरिकों की रक्षा करने के लिए बनी हैं।
अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इन आरोपों पर सख्त कार्रवाई होती है या फिर यह भी पुराने घोटालों की तरह दबा दिया जाता है।
निष्कर्ष
थाई मसाज शॉप मालिक द्वारा लगाए गए आरोप पुलिस के भीतर गहरे बैठे भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हैं। प्रवासी श्रमिकों की असुरक्षा और कानून की कमजोरी इस मामले को और भी गंभीर बनाती है। सवाल यह है कि क्या इस बार न्याय होगा या यह मामला भी भूला दिया जाएगा।