थाई सेना प्रमुख ने कंबोडिया पर झूठी सीमा उकसावे की साजिश का आरोप लगाया।

थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। थाईलैंड की दूसरी सेना क्षेत्र के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वीयरायुत रक्सिन ने कंबोडियाई बलों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सीमा पर जानबूझकर उकसावे वाली घटनाएं “स्टेज” कीं ताकि तनाव बढ़े और थाई सैनिक किसी जाल में फँस जाएँ।
उन्होंने कहा कि थाई सैनिक युद्ध के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें सीमा की जटिल स्थिति और ऑनलाइन दुष्प्रचार को देखते हुए बेहद सतर्क रहना होगा।

थाई सेना का दावा – क्या हुआ सीमा पर?
लेफ्टिनेंट जनरल वीयरायुत ने सुरिन प्रांत में स्थित सीमा चौकियों का निरीक्षण किया और सैनिकों की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बारिश और खराब रास्तों के बावजूद सारी व्यवस्थाएँ दुरुस्त हैं।
उन्होंने ये आरोप लगाए:

  • कंबोडियाई पक्ष घटनाओं को मंचित कर, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है ताकि थाई जनता भड़क उठे।

  • कुछ उकसावे माइन (बारूदी सुरंगों) या अन्य जाल वाले क्षेत्रों में थाई सैनिकों को फँसाने के लिए रचे जाते हैं।

  • किसी भी घुसपैठ की सूचना मिलने पर कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है, क्योंकि जल्दबाजी जानलेवा हो सकती है।

  • थाईलैंड ने घोषणा की है कि वह ता क्वाई और खना मंदिर जैसे विवादित स्थलों को “वापस लेने” की योजना बना रहा है, क्योंकि उसके मानचित्रों के अनुसार वे थाई सीमा में आते हैं।

सीमा विवाद का बड़ा संदर्भ
यह आरोप कोई नई बात नहीं है। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा लंबे समय से नक्शे, मंदिरों और क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर विवादों का केंद्र रही है।

उदाहरण के लिए:

  • सितंबर 2025 के अंत में थाईलैंड ने कंबोडिया पर चोंग बोक इलाके में झड़प भड़काने का आरोप लगाया था।

  • पहले भी दोनों देशों में खाइयाँ खोदने, माइन लगाने और घुसपैठ जैसे मामलों पर टकराव हो चुका है।

  • हर बार वार्ता या आसियान (ASEAN) की बैठक से पहले दोनों देश एक-दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगाते हैं।

तैयारी, जोखिम और जनता की प्रतिक्रिया
थाई सेना एक नाज़ुक संतुलन साधने की कोशिश कर रही है ताकत दिखाना भी है, लेकिन किसी जाल में फँसना नहीं।

पहलू थाई पक्ष का रुख
सैनिक तैयारी सभी यूनिट पूरी तरह तैयार हैं, खराब मौसम में भी लॉजिस्टिक व्यवस्था ठीक है
सावधानी बनाम गति जल्दबाजी से बेहतर है सावधानी ताकि कोई जान न जाए
सोशल मीडिया की भूमिका आरोप है कि कंबोडिया सोशल मीडिया पर गलत वीडियो डालकर जनता को भड़काता है
मंदिर पुनः प्राप्ति योजना ता क्वाई और खना मंदिर को “वापस लेने” की तैयारी, मौका मिलने पर कार्रवाई
राजनयिक जोखिम किसी भी गलती या आक्रामक कदम से विवाद बढ़ सकता है और अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँच सकता है

जनता में गुस्सा है और कई लोग त्वरित कार्रवाई चाहते हैं, लेकिन सेना का कहना है कि सीमा क्षेत्र की कठिन परिस्थितियाँ, माइनें और गलत जानकारी के चलते जल्दबाजी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।

निष्कर्ष
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा तनाव अब एक नए स्तर पर पहुँच गया है अब आरोप है कि घटनाएँ सच्ची नहीं बल्कि “स्क्रिप्टेड” हैं। लेफ्टिनेंट जनरल वीयरायुत के बयान यह दिखाते हैं कि सीमा पर अविश्वास कितना गहरा है। थाईलैंड अपनी सीमाओं की रक्षा करना चाहता है, लेकिन उसे यह भी समझ है कि एक गलत कदम पूरे क्षेत्र में संघर्ष भड़का सकता है। अब सवाल यह है राजनयिक समझदारी जीतती है या टकराव?

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