हाल के दिनों में पटाया में विदेशी निवेश को लेकर खूब बातें हो रही हैं—खासतौर पर चीनी पैसों को लेकर। ‘ग्रे चीनी मनी’ यानी ऐसे निवेश जिनकी कानूनी स्थिति साफ नहीं है, को लेकर चिंता जताई जा रही है। लेकिन क्या ये आरोप सही हैं या सिर्फ अफवाहें?
Baidi International ने अपना पक्ष साफ किया
इस पूरे विवाद में एक कंपनी खास चर्चा में है—Baidi International Real Estate Asset Management Co., Ltd. इस पर आरोप है कि यह एक नामी मात्र (nominee) कंपनी है जो चीनी निवेशकों के लिए काम कर रही है, यानी ये सिर्फ कागज़ों पर थाई कंपनी है, असल में इसे विदेशी चला रहे हैं।
लेकिन Baidi ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी के डायरेक्टर खाम साए यांग और उनके वकीलों ने साफ कहा कि उनकी कंपनी पूरी तरह कानूनी ढांचे के भीतर काम कर रही है और किसी विदेशी के लिए मुखौटा नहीं है।
पटाया में विदेशी निवेश का हाल
चलिए एक नजर डालते हैं कि पटाया में विदेशी निवेश का ग्राफ कैसा है:
निवेशक देश | सामान्य निवेश क्षेत्र | प्रमुख चिंताएं |
---|---|---|
चीन | रियल एस्टेट, पर्यटन उद्योग | नामी कंपनियों के ज़रिए अप्रत्यक्ष स्वामित्व |
भारत | रेस्टोरेंट, एंटरटेनमेंट | तेजी से बढ़ता कब्जा |
रूस | कॉन्डोमिनियम, छोटे व्यवसाय | मुद्रा ट्रांसफर से जुड़े नियम |
👉 विदेशी निवेश से अर्थव्यवस्था को फायदा ज़रूर होता है, लेकिन साथ ही कानूनी अनुपालन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी आशंकाएं भी बढ़ती हैं।
नामी कंपनियों की भूमिका क्या है?
नामी कंपनियाँ यानी वो कंपनियाँ जो दिखने में थाई नागरिकों के नाम पर हैं, लेकिन हकीकत में विदेशी लोग उन्हें चलाते हैं। ऐसा सेटअप थाईलैंड के उन कानूनों को दरकिनार करने के लिए किया जाता है जो कुछ सेक्टरों में विदेशी स्वामित्व को सीमित करते हैं।
थाई सरकार इन मामलों में अब सख्त रुख अपना रही है। ऐसे किसी भी घोटाले में शामिल कंपनियों के खिलाफ ज़बरदस्त कार्रवाई हो सकती है—जैसे संपत्ति जब्त करना या कानूनी कार्यवाही शुरू करना।
निष्कर्ष
Baidi International पर लगे आरोप ये दिखाते हैं कि थाईलैंड में विदेशी निवेश को लेकर हालात कितने संवेदनशील हैं। देश को विदेशी पूंजी की ज़रूरत तो है, लेकिन ये ज़रूरी है कि वो पूंजी पारदर्शी हो और कानून के दायरे में हो। सरकार की कोशिश है कि जो भी निवेश आए, वो साफ-सुथरा और नियमों के मुताबिक हो। Baidi जैसी कंपनियों को भी ज़रूरी है कि वे खुद को ईमानदारी से पेश करें और साबित करें कि वे किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं हैं।