थाईलैंड की राजनीति में एक बड़ा धमाका हुआ है। 22 मई 2025 को सुप्रीम एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा को उनकी सरकार की चावल खरीद योजना में लापरवाही के लिए 10 अरब baht (लगभग 305 मिलियन डॉलर) का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह योजना किसानों को बाजार से अधिक कीमत पर चावल खरीदकर आर्थिक मदद देने के इरादे से शुरू की गई थी, लेकिन बाद में भारी घाटा और बेचे नहीं जा सकने वाले चावल का स्टॉक इसके परिणाम रहे।
यह फैसला 2021 के एक पुराने आदेश को आंशिक रूप से पलटता है जिसमें यिंगलक को मुआवजे से मुक्त कर दिया गया था। यिंगलक, जो 2017 में 5 साल की सजा से बचने के लिए देश छोड़कर चली गई थीं, अब भी खुद को निर्दोष मानती हैं और कहती हैं कि सरकार को चावल की बिक्री से नुकसान की भरपाई हो चुकी है।
फिउ थाई का समर्थन: अपनी नेता के साथ डटकर खड़ा दल
फिउ थाई पार्टी, जिसकी नेता कभी यिंगलक थीं, इस फैसले को चुपचाप स्वीकार नहीं कर रही। पार्टी के प्रवक्ता दानुपोर्न पुनकंता ने कहा कि पार्टी कोर्ट के फैसले के खिलाफ कानूनी रास्ते तलाश रही है। उनका मानना है कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है और 2014 के सैन्य तख्तापलट की कड़ी है, जिसमें यिंगलक की सरकार को हटाया गया था।
दानुपोर्न ने यह भी कहा कि पार्टी कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है, लेकिन उनके पास अब भी कानूनी विकल्प खुले हैं। पार्टी एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट प्रोसीजर एक्ट की धारा 75 के तहत 75 दिनों के भीतर नए सबूत पेश करने की योजना बना रही है।
कानूनी लड़ाई जारी: यिंगलक का अगला कदम
यिंगलक और उनकी कानूनी टीम इस मुआवजा आदेश को चुनौती दे रही है। उनका कहना है कि वित्त मंत्रालय द्वारा 35.7 अरब baht की मूल मांग बहुत ज्यादा थी और इसमें उनके सीधे भ्रष्टाचार के कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। कोर्ट ने अब इस रकम को घटाकर 10 अरब baht कर दिया है और उन्हें लापरवाही का दोषी ठहराया है, लेकिन सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं माना।
एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कोर्ट खुद मुआवजा वसूल नहीं कर सकता—यह जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियों की है। यदि यिंगलक भुगतान नहीं करती हैं, तो मंत्रालय उनकी संपत्ति जब्त करके या नीलामी के जरिए रकम वसूल सकता है।
शिनावात्रा परिवार: लगातार निशाने पर
यिंगलक की कानूनी मुसीबतें उनके परिवार की लंबे समय से जारी राजनीतिक चुनौतियों का हिस्सा हैं। उनके भाई और पूर्व प्रधानमंत्री थक्सिन शिनावात्रा 2023 में स्वैच्छिक निर्वासन के बाद थाईलैंड लौटे और उन्हें माफी मिल गई। उनकी भतीजी पैतोंगटार्न शिनावात्रा फिलहाल देश की प्रधानमंत्री हैं।
शिनावात्रा परिवार का प्रभाव हमेशा विवादों में रहा है—कुछ लोग उन्हें भ्रष्टाचार का प्रतीक मानते हैं, तो वहीं उनके समर्थक उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार मानते हैं। फिउ थाई पार्टी द्वारा यिंगलक का समर्थन इस राजनीतिक विभाजन को और गहरा करता है।
तेजी से जानिए: यिंगलक की चावल योजना के तथ्य
बिंदु | विवरण |
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उद्देश्य | किसानों से बाजार से ऊंची कीमत पर चावल खरीदना |
समय अवधि | 2011–2014 |
अनुमानित नुकसान | 500 अरब baht से अधिक (लगभग 15 अरब डॉलर) |
कानूनी परिणाम | 2017 में 5 साल की सजा, देश से पलायन |
वर्तमान फैसला | 2025 में 10 अरब baht मुआवजा देने का आदेश |
निष्कर्ष
यिंगलक शिनावात्रा की कानूनी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। फिउ थाई पार्टी के समर्थन और नए कानूनी विकल्पों की संभावनाओं के साथ वे इस मुआवजा आदेश के खिलाफ जंग जारी रखेंगी। यह मामला केवल यिंगलक का नहीं, बल्कि थाईलैंड की राजनीति में गहराई से मौजूद मतभेदों और शक्ति संघर्ष का प्रतिबिंब है।