बैंकॉक की स्काईलाइन जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, उतनी ही चिंता भी बढ़ रही है। हाल ही में थाईलैंड कंज़्यूमर्स काउंसिल (TCC) ने 13 हाई-राइज़ इमारतों को लेकर गंभीर कानूनी उल्लंघनों की ओर इशारा किया है। ये कोई मामूली गलतियाँ नहीं हैं—यहाँ मामला है आपातकालीन रास्ते को ब्लॉक करने और बिना अनुमति नक्शों में बदलाव का।
असली मुद्दे: सुरक्षा और कानून का पालन
1. आपातकालीन रास्ता बंद
कल्पना कीजिए, एक फायर ट्रक जलती हुई बिल्डिंग तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है—but रास्ता इतना संकरा है कि वह अंदर जा ही नहीं सकता। कुछ इमारतें ऐसी ही गलियों में खड़ी की गई हैं, जिससे आपातकालीन सेवा प्रभावित हो सकती है।
2. नक्शों में अनधिकृत बदलाव
डिवेलपर्स पर आरोप है कि उन्होंने बिना अनुमति मूल नक्शों में बदलाव किए हैं। इससे इमारत की संरचना और सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
3. पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) की अनदेखी
EIA प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि किसी प्रोजेक्ट से पर्यावरण पर नकारात्मक असर न हो। इसे नजरअंदाज करने से ट्रैफिक, प्रदूषण और अन्य शहरी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
13 विवादित प्रोजेक्ट्स की झलक
प्रोजेक्ट का नाम | स्थान | यूनिट्स | रोड की चौड़ाई | मुख्य समस्याएँ |
---|---|---|---|---|
S प्रोजेक्ट | प्रदीपथ सोई 23, फया थाई | 219 | <6 मीटर | संकरी गली, EIA की समस्या |
S प्रोजेक्ट | रचदापिसेक सोई 44, चातुचक | 535 | <6 मीटर | आपातकालीन रास्ता बाधित |
द मूव | फाहोन योथिन सोई 37, चातुचक | 230 | <6 मीटर | नक्शे में बदलाव |
आम जनता को क्यों चिंता करनी चाहिए?
1. सुरक्षा खतरे में
जब फायर ब्रिगेड इमारत तक ना पहुँच पाए, तो खतरा सीधा ज़िंदगी पर होता है।
2. शहरी अव्यवस्था
बिना योजना के इमारतें ट्रैफिक, पार्किंग संकट और बुनियादी सेवाओं पर दबाव डालती हैं।
3. पर्यावरणीय असर
EIA की अनदेखी से प्रदूषण और प्राकृतिक असंतुलन बढ़ता है, जिससे आम नागरिक प्रभावित होते हैं।
हो क्या रहा है इन पर?
TCC की प्रमुख मांगें हैं:
-
परमिट रद्द करना: गैर-कानूनी प्रोजेक्ट्स के परमिट रद्द किए जाएँ।
-
कड़े नियम लागू हों: भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सख्त कानून बनाए जाएँ।
-
जनभागीदारी को बढ़ावा: लोग शहरी विकास की प्रक्रिया में अपनी आवाज़ उठाएँ।
निष्कर्ष
बैंकॉक का विकास ज़रूरी है, लेकिन वह नियमों और सुरक्षा की कीमत पर नहीं होना चाहिए। TCC की रिपोर्ट दिखाती है कि निर्माण क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद ज़रूरी है। हर नागरिक को एक सुरक्षित और सुनियोजित जीवन का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करना डिवेलपर्स और अधिकारियों दोनों की जिम्मेदारी है।