बैंकॉक पुलिस ने अवैध गांजा दुकान पर छापा मारा: 28 वर्षीय युवक गिरफ्तार।

9 जुलाई 2025 को बैंकॉक के दिन डेंग इलाके में एक अवैध गांजा की दुकान पर छापा मारा गया, जिसमें 28 वर्षीय वोरापोंग को गिरफ्तार किया गया। दुकान से न सिर्फ गांजा बल्कि साइकेडेलिक मशरूम, गांजा से बने ई-सिगरेट, मिठाइयाँ और सिरप भी बरामद हुए। यह कार्रवाई दिखाती है कि थाईलैंड में भले ही गांजा को लेकर कानून ढीले हुए हों, लेकिन बिना नियंत्रण के इसका दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है।

छापे में क्या-क्या मिला?

क्रिमिनल कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद पुलिस ने सोई इंटामारा 44 में स्थित दुकान पर छापा मारा। दुकान बिना लाइसेंस और किसी मेडिकल निगरानी के संचालन में थी। छापे में जब्त सामान की जानकारी:

सामान जब्त मात्रा
साइकेडेलिक मशरूम 371.32 ग्राम
गांजा ई-सिगरेट बॉक्स 157 बॉक्स
गांजा जेली बैग 61 बैग
गांजा ब्राउनी 83 पीस
गांजा सिरप बोतल 18 बोतल
नकद 1,500 बाथ (~45 अमेरिकी डॉलर)
मोबाइल फोन 2 मोबाइल

ये सभी उत्पाद कानून के कई नियमों का उल्लंघन करते हैं, जिनमें ड्रग कंट्रोल और कंज़्यूमर प्रोटेक्शन शामिल हैं।

गिरफ्तार व्यक्ति और उस पर लगे आरोप

गिरफ्तार युवक वोरापोंग उस दुकान का केयरटेकर और सह-मालिक है। उसने स्वीकार किया कि वह दुकान चलाता था। उस पर ये आरोप लगाए गए:

  • बिना अनुमति साइकेडेलिक मशरूम (कैटेगरी 5 ड्रग्स) रखना

  • बिना मेडिकल लाइसेंस गांजा उत्पाद बेचना

  • बिना उचित थाई लेबल के ई-सिगरेट और खाद्य पदार्थ बेचना

उसे और जब्त सामान को सुथीसन पुलिस स्टेशन भेजा गया है। यह मामला इस बात को उजागर करता है कि गांजा की बिक्री को लेकर अभी भी बहुत सारी कानूनी खामियां हैं।

थाईलैंड में गांजा पर सख्ती क्यों बढ़ रही है

इस तरह की बढ़ती घटनाओं के चलते थाई FDA और पारंपरिक चिकित्सा विभाग गांजा दुकानों पर सख्ती कर रहे हैं। अब दुकानों को मेडिकल क्लीनिक की तरह चलाना होगा, जहां सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में दवा के तौर पर गांजा बेचा जाएगा।

16 जुलाई से 1,000 से ज्यादा लाइसेंस प्राप्त डॉक्टर इन दुकानों की निगरानी के लिए उपलब्ध रहेंगे।

अभी क्यों ज़रूरी हो गया है सख्त कानून?

2022 में थाईलैंड ने गांजा को डिक्रिमिनलाइज़ किया, लेकिन उसके बाद से अनियमित दुकानें तेजी से खुलने लगीं। इससे कई समस्याएं पैदा हुईं:

  1. सार्वजनिक सुरक्षा जोखिम – जैसे बच्चों द्वारा गलती से गांजा खाना

  2. लेबलिंग की दिक्कत – विदेशी या गलत जानकारी वाले प्रोडक्ट्स

  3. कानूनी झोल – बिना लाइसेंस के खुलेआम बिक्री

नए नियमों का मकसद उपभोक्ताओं की सुरक्षा करना है, खासकर बच्चों की।

निष्कर्ष

दिन डेंग में गांजा दुकान पर हुई इस छापेमारी ने एक गंभीर सच्चाई को उजागर किया—गांजा कानूनों में सुधार की सख्त ज़रूरत है। वोरापोंग की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की चुनौती है। अब थाईलैंड इस ओर बढ़ रहा है कि गांजा को मेडिकल कंट्रोल के ज़रिए, सुरक्षित तरीके से समाज में समाहित किया जा सके।

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