स्वीडन ने थाईलैंड के साथ फाइटर जेट डील रोकने की खबरों को किया खारिज।

हाल ही में ये अफवाहें तेजी से फैलीं कि स्वीडन ने थाईलैंड के साथ अपनी फाइटर जेट डील रद्द कर दी है। लेकिन आइए साफ कर दें  स्वीडन ने ऐसा कुछ नहीं किया है। स्वीडन सरकार ने साफ-साफ कहा है कि उसने थाईलैंड को अपने एडवांस JAS 39 Gripen फाइटर जेट्स बेचने से इनकार नहीं किया है।

तो फिर ये हंगामा क्यों मचा? चलिए सब कुछ आसान भाषा में समझते हैं।

तथ्यों की बात: कोई आधिकारिक डील रोकी ही नहीं गई

असल में थाईलैंड ने स्वीडन से और ग्रिपेन जेट्स खरीदने में रुचि दिखाई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने बिना पुष्टि के यह खबर चला दी कि स्वीडन ने प्रस्ताव ठुकरा दिया। लेकिन स्वीडन के अधिकारियों ने साफ कहा है कि कोई औपचारिक प्रस्ताव आया ही नहीं है।

मतलब ये कि अगर कोई ऑफिशियल अनुरोध ही नहीं किया गया, तो उसे अस्वीकार कैसे किया जा सकता है?

ये ऐसा ही है जैसे आप कार शोरूम में जाकर सिर्फ देखें और बिना पूछे लौट आएं इसका मतलब ये नहीं कि शोरूम ने कार बेचने से मना कर दिया।

तो फिर विवाद क्यों?

इस अफवाह की जड़ शायद थाईलैंड की राजनीतिक स्थिति और उसकी सैन्य सरकार से जुड़ी है। कुछ लोगों को लगा कि स्वीडन लोकतंत्र और मानवाधिकारों की चिंता के चलते पीछे हट रहा है। लेकिन स्वीडन ने ऐसा कुछ आधिकारिक तौर पर नहीं कहा।

और वैसे भी, डिफेंस डील में कई स्टेप्स होते हैं अनुरोध, मूल्यांकन, मंजूरी और फिर समझौता। अभी वो प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है।

सीधा मतलब: अनुरोध नहीं = अस्वीकृति नहीं।

ग्रिपेन बनाम अन्य फाइटर जेट्स: क्या खास है इसमें?

थाईलैंड अभी कई विकल्पों पर विचार कर रहा है, और ग्रिपेन उनमें सबसे मजबूत दावेदारों में से एक है। नीचे एक तुलनात्मक तालिका देखिए:

विशेषता JAS 39 ग्रिपेन (स्वीडन) F-16 वाइपर (USA) J-10 (चीन)
गति Mach 2.0 Mach 2.0 Mach 2.2
संचालन लागत कम मध्यम मध्यम
एवियोनिक्स मॉड्यूलर और एडवांस हाई-टेक अच्छा
कॉम्बैट रेंज ~800 किमी ~1,000 किमी ~1,250 किमी
निर्यात प्रतिबंध मध्यम उच्च कम

ग्रिपेन इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि ये उन्नत तकनीक के साथ बजट-फ्रेंडली भी है एक ऐसा संतुलन जो थाईलैंड जैसे देशों के लिए आदर्श हो सकता है।

निष्कर्ष: अब तक कुछ भी फाइनल नहीं

जैसा कि साफ हो चुका है, स्वीडन ने थाईलैंड के साथ किसी भी फाइटर जेट डील को खारिज नहीं किया है। न कोई अनुरोध आया, न कोई अस्वीकृति दी गई। अभी सब कुछ ओपन एंडेड है।

इसलिए फिलहाल जितनी भी खबरें हैं, वे केवल अटकलें हैं। लेकिन इतना तय है ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई है, और ग्रिपेन जेट्स को थाईलैंड की हवा में फिर उड़ान भरते देखना कोई हैरानी की बात नहीं होगी।

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