थाईलैंड की राजनीतिक और आर्थिक चर्चा का केंद्र इस समय सरकार की एक बड़ी योजना है—डिजिटल वॉलेट स्कीम, जिसे प्रधानमंत्री स्रेत्ता थाविसिन ने आगे बढ़ाया है। इस योजना का उद्देश्य सीधे तौर पर नागरिकों को डिजिटल नकद सहायता देना और घरेलू मांग को प्रोत्साहित कर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। आइए इस योजना की गहराई से जानकारी लेते हैं।
इस योजना का सार क्या है?
डिजिटल वॉलेट योजना के तहत सरकार पात्र नागरिकों को एक बार के लिए 10,000 बाट (लगभग $275) की डिजिटल नकद राशि प्रदान करेगी। यह राशि केवल स्थानीय क्षेत्रों में खर्च की जा सकती है ताकि स्थानीय व्यापारों और छोटे कारोबारियों को फायदा हो।
योजना के उद्देश्य
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आर्थिक प्रोत्साहन: घरेलू खर्च को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में जान फूंकना।
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स्थानीय व्यापार को सहयोग: छोटे और मध्यम व्यापारों को मजबूत करना।
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डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना: नागरिकों को डिजिटल लेनदेन से जोड़ना और एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना।
पात्रता के मानदंड
डिजिटल नकद पाने के लिए नागरिकों को ये शर्तें पूरी करनी होंगी:
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आयु कम से कम 16 वर्ष हो।
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वार्षिक आय 8,40,000 बाट से कम हो।
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बैंक में जमा राशि 5,00,000 बाट से कम हो।
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किसी धोखाधड़ी या जेल की सजा का रिकॉर्ड न हो।
राशि कैसे वितरित की जाएगी?
इस राशि का वितरण सरकार द्वारा बनाए गए “थांग रथ” ऐप के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही 7-इलेवन स्टोर्स, थाईलैंड पोस्ट ऑफिस और चुनिंदा कियोस्क पर पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
वित्तीय स्रोत और आलोचना
इस योजना की लागत शुरू में 500 अरब बाट आंकी गई थी। इसे 2024–2025 के बजट और BAAC (Bank for Agriculture and Agricultural Cooperatives) से मिल रही सहायता से पूरा किया जाएगा। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों और विपक्षी दलों ने सार्वजनिक कर्ज बढ़ने की आशंका को लेकर आलोचना की है।
तुलना डिजिटल वॉलेट बनाम पारंपरिक राहत योजनाएं
पैरामीटर | डिजिटल वॉलेट योजना | पारंपरिक राहत उपाय |
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वितरण का तरीका | मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल नकद | नकद हस्तांतरण या सब्सिडी |
लाभार्थी | मध्यम और निम्न-आय वर्ग | विस्तृत समूह या विशेष सेक्टर |
खर्च की शर्तें | केवल स्थानीय व्यापारों में | आमतौर पर कोई सीमा नहीं |
मुख्य उद्देश्य | स्थानीय खर्च और डिजिटल अपनाने को बढ़ावा देना | समग्र आर्थिक गतिविधि को गति देना |
तेजी से क्रियान्वयन | डिजिटल ढांचे पर निर्भर | तरीके के अनुसार बदलता है |
लोगों की राय
जहां एक ओर कई लोग इस योजना को त्वरित राहत और डिजिटल जागरूकता बढ़ाने वाला कदम मानते हैं, वहीं कुछ इसे अस्थायी समाधान और सरकारी बजट पर बोझ के रूप में देख रहे हैं।
आर्थिक दृष्टिकोण
अगर योजना सुचारू रूप से लागू होती है तो इससे GDP में अल्पकालिक वृद्धि हो सकती है। लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इसके साथ कौन-कौन से ढांचागत सुधार और निवेश लाती है।
निष्कर्ष
थाईलैंड की डिजिटल वॉलेट योजना एक साहसिक कदम है जो पारंपरिक आर्थिक उपायों से अलग सोच दिखाती है। यह लाभार्थियों को सीधे डिजिटल सहायता देकर न केवल खर्च बढ़ाने का काम करेगी, बल्कि देश को डिजिटल भुगतान और आधुनिक अर्थव्यवस्था की दिशा में भी आगे बढ़ाएगी।
हालांकि, इस योजना की लंबी उम्र और प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे कैसे लागू किया जाता है, और क्या इसके साथ ऐसे बदलाव भी लाए जाते हैं जो स्थायी विकास की नींव रखें।