सोचिए एक सुबह आपकी बैंक अकाउंट में पैसे गायब मिलें और अपराधी किसी सुराग के बिना गायब हो जाएं—यही हुआ सैकड़ों थाई नागरिकों के साथ।
एक चीनी कॉल सेंटर गिरोह ने बेहद संगठित तरीके से 2.2 अरब भाट (लगभग 600 करोड़ रुपये) से ज्यादा की धोखाधड़ी की।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे रैकेट में तीन थाई बैंक कर्मचारियों ने भी सहयोग किया और फर्जी बैंक खातों को खुलवाने में मदद की।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका
मार्च 2025 में, 15 चीनी नागरिक पर्यटक के रूप में थाईलैंड पहुंचे।
थाई बैंक स्टाफ—सिरिलक, चुटिमा और सोंगपोल—की मदद से उन्होंने 15 बैंक खाते खुलवाए।
सिर्फ दो दिनों के अंदर, उन्होंने 91 मिलियन भाट नकद निकाल लिए और देश छोड़कर फरार हो गए।
म्यूल खातों का जाल
थाई टेक्नोलॉजी क्राइम सप्रेशन डिविजन (TCSD) की जांच में सामने आया कि ये 15 खाते महज शुरुआत थे।
इनका संबंध 462 अन्य म्यूल खातों से था, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे को छुपाने और ट्रांसफर करने के लिए किया गया।
इस केस से जुड़ी 2,084 शिकायतें दर्ज हुईं, और कुल 2.2 अरब भाट की धनराशि का नुकसान सामने आया।
गिरफ्तार चीनी नागरिक
थाईलैंड में मौजूद चार चीनी नागरिकों को इस घोटाले में गिरफ्तार किया गया:
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यांग: म्यूल खाते उपलब्ध कराता था।
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झीए: स्कैमर्स को खाते और बैंक कार्ड देता था।
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हांग: नकदी निकासी और फर्जी डेटा अपलोड का काम करता था।
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वू: टेक्नोलॉजी अपराधों में इस्तेमाल होने वाले कार्ड्स की व्यवस्था करता था।
गिरफ्तार थाई नागरिक
मंथीदा और नारोंगृत नामक दो थाई नागरिकों को चीनी गैंग के अनुवादक के रूप में सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
धोखाधड़ी की पूरी प्रक्रिया – एक नजर में
घटक | विवरण |
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शुरुआती सेटअप | 15 चीनी पर्यटकों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से खाते खुलवाए। |
नकद निकासी | 2 दिनों में 91 मिलियन भाट निकाले गए। |
फरारी | सभी चीनी नागरिक पैसे निकालकर देश छोड़कर भाग गए। |
जांच में खुलासे | 462 म्यूल खातों और 2,084 शिकायतों की कड़ियाँ जुड़ी पाईं गईं। |
कुल वित्तीय नुकसान | 2.2 अरब भाट का अनुमानित नुकसान। |
गिरफ्तारी | 9 लोग गिरफ्तार: 3 बैंक स्टाफ, 4 चीनी नागरिक और 2 थाई अनुवादक। |
इसका क्या असर पड़ा और आगे क्या?
यह घटना थाईलैंड की बैंकिंग प्रणाली में मौजूद कमजोरियों को उजागर करती है और यह बताती है कि कैसे आंतरिक कर्मचारी भी धोखाधड़ी में भागीदार बन सकते हैं। इससे यह ज़रूरी हो जाता है कि:
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कड़ाई से ग्राहक सत्यापन: खासकर विदेशी नागरिकों के लिए खाता खोलते समय अतिरिक्त सतर्कता अपनाई जाए।
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कर्मचारियों की जाँच और ट्रेनिंग: नियमित बैकग्राउंड चेक और धोखाधड़ी रोकथाम की ट्रेनिंग दी जाए।
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जन जागरूकता: आम जनता को ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाए।
निष्कर्ष
थाईलैंड का यह अरबों का घोटाला यह दिखाता है कि अब फ्रॉड सिर्फ बाहर से नहीं, अंदर से भी आ सकता है।
जैसे-जैसे तकनीक बढ़ रही है, वैसे-वैसे ठगों के तरीके भी एडवांस होते जा रहे हैं।
इसलिए, अब समय आ गया है कि बैंक, सरकार और आम लोग—सभी मिलकर सतर्क रहें, आधुनिक उपाय अपनाएं और सुरक्षा को प्राथमिकता दें।