प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा का हालिया लंदन दौरा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं था—यह एक रणनीतिक मिशन था, जिसका मकसद थाईलैंड की वैश्विक मौजूदगी को और मज़बूत करना था।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना। इसमें एक अहम पहलू था थाईलैंड-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की नींव रखना, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
मुख्य चर्चाएं और समझौते
इस दौरे के दौरान पीएम पैतोंगटार्न ने यूके के निजी क्षेत्र के नेताओं और थाई व्यवसायों के साथ मुलाकात की।
बातचीत का फोकस था:
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थाई कृषि और खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ाना,
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थाई सामानों के लिए यूके में आयात चैनलों का विस्तार करना,
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और थाई पेशेवरों—जैसे शेफ और पारंपरिक मसाज थैरेपिस्ट—के लिए नौकरी के मौके तलाशना।
थाईलैंड-यूके एफटीए इस पूरी बातचीत का केंद्र रहा, जिससे व्यापार बाधाएं कम हो सकती हैं और थाई एक्सपोर्ट को नया बाज़ार मिल सकता है।
थाई खाने का प्रमोशन: सॉफ्ट पावर की रणनीति
व्यापार वार्ताओं से आगे बढ़ते हुए, पीएम पैतोंगटार्न ने थाईलैंड के खाने को “सॉफ्ट पावर” की तरह पेश किया।
उन्होंने लंदन में ‘Thai SELECT’ सर्टिफिकेशन के नए स्वरूप की शुरुआत की। यह सर्टिफिकेशन उन अंतरराष्ट्रीय रेस्टोरेंट्स को दिया जाता है जो असली और उच्च गुणवत्ता वाला थाई खाना परोसते हैं।
इवेंट के दौरान ‘मियांग खाम’ नामक पारंपरिक थाई स्नैक का लाइव डेमो भी हुआ, जिससे वहां के मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स को थाईलैंड की समृद्ध खानपान संस्कृति का अनुभव मिला।
थाईलैंड और यूके के बीच आंकड़े
नीचे दिया गया चार्ट थाईलैंड और यूके के बीच 2024 में हुए व्यापार का सार बताता है:
मानक | मूल्य (2024) |
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कुल द्विपक्षीय व्यापार | $6.66 बिलियन यूएसडी |
यूके को थाई निर्यात | $4.19 बिलियन यूएसडी |
थाईलैंड में यूके आयात | $2.46 बिलियन यूएसडी |
प्रमुख थाई निर्यात | प्रोसेस्ड चिकन, मशीनरी, आभूषण, मोटरसाइकिल, कार |
निर्यात में वृद्धि | 7.06% की बढ़ोतरी |
आयात में गिरावट | 16.63% की कमी |
निष्कर्ष: रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ना
पीएम पैतोंगटार्न का लंदन दौरा ये साबित करता है कि थाईलैंड अब सिर्फ घरेलू नीतियों तक सीमित नहीं रहना चाहता—वो वैश्विक मंच पर भी अपनी मौजूदगी और प्रभाव को मजबूत करना चाहता है।
चाहे बात व्यापार की हो, रोजगार की या संस्कृति के प्रचार की—यह यात्रा एक संतुलित और बहुआयामी रणनीति को दिखाती है।
थाईलैंड-यूके एफटीए और ‘Thai SELECT’ जैसे पहल दर्शाते हैं कि देश अब सख्त आर्थिक हितों और कोमल सॉफ्ट पावर दोनों के साथ अपने रिश्तों को आगे बढ़ा रहा है।