थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच 28 मई को हुई सीमा झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस घटना में एक कम्बोडियन सैनिक की मौत हुई, जिसके बाद दोनों देशों ने अपनी 817 किलोमीटर लंबी साझा लेकिन अब तक तय न की गई सीमा पर सैन्य बलों की तैनाती बढ़ा दी है।
अब इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में ले जाने की कम्बोडिया की मंशा को थाईलैंड ने साफ तौर पर खारिज कर दिया है। थाई सरकार का कहना है कि वो इस मामले को केवल आपसी बातचीत से सुलझाना चाहती है।
विवाद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच यह सीमा विवाद मुख्य रूप से प्रेअह विहेयर मंदिर को लेकर है, जो कि दंगरेक पर्वतमाला पर स्थित एक 900 साल पुराना हिंदू मंदिर है।
1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने फैसला सुनाया था कि यह मंदिर कम्बोडिया का हिस्सा है, लेकिन इसके आस-पास की ज़मीन को लेकर आज भी विवाद बना हुआ है।
2008 और 2011 में इस इलाके को लेकर कई बार झड़पें हुईं और दोनों देशों के सैनिकों को नुकसान हुआ।
हालिया घटनाक्रम और सैन्य तनाव
28 मई 2025 की झड़प के बाद कम्बोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई, जिससे हालात और बिगड़ गए।
थाई सैन्य बलों ने बयान दिया कि यदि ज़रूरत पड़ी तो वो “उच्च स्तर के अभियान” के लिए तैयार हैं।
हालाँकि दोनों देशों ने यह भी कहा है कि वे इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं।
थाईलैंड का ICJ पर रुख
थाईलैंड ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार नहीं करता।
थाई सरकार का कहना है कि 1962 के फैसले में केवल मंदिर का उल्लेख था, न कि उसके आसपास की भूमि का।
इसी कारण वह इस मामले को आपसी संवाद से हल करना चाहती है, न कि किसी अंतरराष्ट्रीय कानूनी हस्तक्षेप से।
ICJ में जाने की कम्बोडिया की योजना
कम्बोडिया की सरकार का मानना है कि इस लंबे समय से चले आ रहे विवाद का अंत सिर्फ एक कानूनी निर्णय से ही संभव है।
इसलिए, हालिया सैन्य झड़प के बाद उन्होंने ICJ में मामला ले जाने की बात कही है ताकि एक ठोस और अंतिम फैसला आ सके।
थाईलैंड-कम्बोडिया सीमा विवाद की प्रमुख घटनाएं
तिथि | घटना |
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1962 | ICJ ने प्रेअह विहेयर मंदिर को कम्बोडिया का हिस्सा घोषित किया |
2008 | मंदिर के विश्व धरोहर घोषित होने के बाद तनाव बढ़ा |
2011 | ICJ ने 1962 के फैसले की पुष्टि की और सैनिकों को क्षेत्र से हटने का आदेश दिया |
28 मई 2025 | सीमा पर झड़प में कम्बोडिया का सैनिक मारा गया |
जून 2025 | कम्बोडिया ने ICJ में जाने की योजना घोषित की; थाईलैंड ने खारिज किया |
निष्कर्ष
थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच लंबे समय से चला आ रहा यह सीमा विवाद अभी तक अनसुलझा है।
हाल की घटनाएं यह दिखाती हैं कि भले ही दोनों देश शांति की बात कर रहे हों, लेकिन जमीन पर हालात काफी तनावपूर्ण हैं।
एक तरफ कम्बोडिया कानूनी समाधान चाहता है, वहीं थाईलैंड सिर्फ आपसी बातचीत पर भरोसा करता है।
शांति के लिए दोनों को लचीलापन दिखाना होगा — वरना विवाद और गहरा हो सकता है।