थाईलैंड का लेस मजेस्टी कानून, जिसे आपराधिक संहिता की धारा 112 के नाम से भी जाना जाता है, लंबे समय से गर्म बहस का विषय रहा है। हाल ही में, नाथापोंग रुआंगपन्यावुत, पीपुल्स पार्टी के नेता, ने इस कानून में सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। हालांकि उन्होंने साफ किया कि किसी भी बदलाव को संवैधानिक न्यायालय के फैसलों के अनुरूप ही होना चाहिए। उनके इस रुख ने राजनीतिक हलकों में समर्थन और आलोचना दोनों को जन्म दिया है।
नाथापोंग ने क्या कहा
एक प्रेस ब्रीफिंग में नाथापोंग ने बताया कि धारा 112 अब भी कानूनी और सामाजिक चुनौतियाँ पैदा करती है। एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने जोर देकर कहा था: राजशाही का सम्मान होना चाहिए, लेकिन कानून को आधुनिक बनाया जाना ज़रूरी है ताकि यह आज के थाईलैंड के अनुरूप हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुधार न्यायालय की व्याख्याओं का सम्मान करते हुए ही होने चाहिए ताकि राजशाही को कमजोर करने का आरोप न लगे।
मुख्य बिंदु | नाथापोंग की स्थिति |
---|---|
धारा 112 की समस्या | अब भी थाई समाज के लिए चुनौतीपूर्ण |
राजशाही की भूमिका | राजनीति से ऊपर रहनी चाहिए |
सुधार का मार्ग | संवैधानिक न्यायालय के फैसलों के अनुसार |
पार्टी का लक्ष्य | परंपरा को कमजोर किए बिना कानून का आधुनिकीकरण |
अतीत से सबक
यह पहली बार नहीं है जब किसी पार्टी ने सुधार की कोशिश की हो। मूव फॉरवर्ड पार्टी, जो पीपुल्स पार्टी की पूर्ववर्ती थी, को 2023 में भंग कर दिया गया था। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि उनका धारा 112 में संशोधन का प्रस्ताव राजशाही और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। कुछ नेताओं को 10 साल के लिए राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया, जबकि अन्य पर आजीवन प्रतिबंध लगने की संभावना है। नाथापोंग ने इन जोखिमों को स्वीकार किया और कहा कि “कानूनी युद्ध” दोबारा हो सकता है।
आज यह क्यों मायने रखता है
लेस मजेस्टी कानून पर बहस सिर्फ राजनीति नहीं है यह थाईलैंड की भविष्य की पहचान से जुड़ा है। बहुत से नागरिकों के लिए यह संतुलन का विषय है: परंपरा का सम्मान करना और साथ ही वैश्विक लोकतांत्रिक मानकों के अनुरूप ढलना। नाथापोंग का कहना है कि उनका रुख राजशाही को कमजोर करने का नहीं बल्कि कानूनों को और न्यायपूर्ण, स्पष्ट और आधुनिक समय में स्वीकार्य बनाने का है।
निष्कर्ष
धारा 112 में सुधार की कोशिश अभी तय नहीं हुई है। नाथापोंग की पीपुल्स पार्टी सावधानी से कदम रख रही है ऐसे बदलाव लाने की कोशिश में जो कानूनी सीमाओं को पार न करें। यह तरीका सफल होगा या अतीत जैसी असफलता दोहराएगा, यह देखना बाकी है। लेकिन एक बात तय है: लेस मजेस्टी कानून पर चर्चा जल्द खत्म नहीं होगी।