जब आप कॉल सेंटर ठगी के बारे में सोचते हैं, तो दिमाग में नकली लोन ऑफर या फिशिंग मैसेज आते होंगे। लेकिन बैंकॉक में पुलिस को इससे कहीं बड़ा जाल मिला ठगी के साथ ड्रग्स, सोने की हेराफेरी और एक लग्ज़री होटल में ठिकाना।
चातुचक में गिरफ्तारी
23 सितंबर को पुलिस ने बैंकॉक के चातुचक जिले के एक लग्ज़री होटल पर छापा मारा। अंदर तीन स्कैमर रंगे हाथ पकड़े गए। पुलिस को वहां 1,000 से ज्यादा मेथामफेटामिन गोलियां मिलीं, जिन्हें थाईलैंड में याबा कहा जाता है। यह कोई आम ठगी का केस नहीं था बल्कि अपराधों का पूरा पैकेज था।
ठगी का तरीका
तो आखिर ये गैंग काम कैसे करता था? जांच में पता चला कि संदिग्ध पैसे ट्रांसफर कर रहे थे। फाया थाई और बंग फो इलाके के दो पीड़ितों के बैंक खातों से करीब 4.5 मिलियन बात गायब हो गए। पैसा सीधे नहीं रुका पहले कॉर्पोरेट अकाउंट में गया, फिर एक ट्रेडिंग ऐप से सोना खरीदा गया।
यहाँ एक झलक देखें:
| स्टेप | क्या हुआ |
|---|---|
| 1 | पीड़ितों के अकाउंट से पैसे चोरी हुए |
| 2 | पैसा नकली कॉर्पोरेट अकाउंट में ट्रांसफर हुआ |
| 3 | पैसे से ऐप के जरिए सोना खरीदा गया |
| 4 | संदिग्धों ने याओवारत रोड पर जाकर सोना लिया |
पुलिस ने दो महिलाओं का पीछा किया जो सोने की दुकान पर आई थीं, और उसी धागे से होटल के कमरे तक पहुंच गई।
गिरोह का सरगना
मुख्य आरोपी? 30 वर्षीय थाई नागरिक कृत्थापत। उसने दावा किया कि वह सिर्फ किसी लोन कंपनी में नौकरी चाहता था, लेकिन आखिरकार “म्यूल अकाउंट” संभालने लगा। गिरोह के हर सदस्य को 10,000–50,000 बात प्रति माह मिलते थे, साथ में मुफ्त खाना, होटल का कमरा और हैरानी की बात ड्रग्स भी।
याबा का ट्विस्ट
छापे के दौरान पुलिस को नकदी के साथ बड़ी मात्रा में याबा गोलियां भी मिलीं। कृत्थापत ने सफाई दी कि यह सिर्फ उसकी निजी खपत के लिए था, और वह रोज़ 10 गोलियां खा जाता है। लेकिन पुलिस को उसकी कहानी पर यकीन नहीं हुआ। इतनी बड़ी खेप से साफ था कि गिरोह ड्रग्स की सप्लाई भी कर रहा था।
निष्कर्ष
यह केस दिखाता है कि ठगी कितनी खतरनाक दिशा में बढ़ चुकी है। अब यह सिर्फ नकली कॉल तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग, सोने का सौदा और ड्रग्स का खेल भी शामिल है। बैंकॉक पुलिस ने भले ही इस गिरोह को पकड़ लिया हो, लेकिन यह चेतावनी है: हमेशा चौकस रहें, खासकर जब कोई अजनबी कॉल, ट्रांसफर या ऑफर सामने आए।